NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 3: नादान दोस्त

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 3: Naadan DostNCERT Solutions for Class 6 Hindi

Class 6 Hindi is one of the subjects where it might be difficult to score good marks. In Class 6, Hindi is a very scoring subject. With good preparation of the paper, students can get good marks in this subject.

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Below you can find the NCERT solution for Class 6th Hindi. You can get a Solution for the all-important question of “अक्षरों का महत्व”

प्रश्न 1: केशव और श्यामा के मन में अंडों को देखकर तरह-तरह के सवाल क्यों उठते थे?

प्रश्न 2: अंडों के बारे में दोनों आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने ददल को तसल्ली क्यों दे ददया करते थे?

प्रश्न 3: अंडों के टूट जाने के बाद मााँ के यह पूछने पर कक-‘तुम लोगों ने अंडों को छुआ होगा।’ के जवाब में श्यामा ने क्या कहा और उसने ऐसा क्यों ककया?

प्रश्न 4: पाठ के आधार पर बताओ कक अंडे गंदे क्यों हुए और उन अंडों का क्या हुआ?

प्रश्न 5: सही उत्तर क्या है?
अंडों की देखभाल के ललए केशव और श्यामा धीरे से बाहर ननकले क्योंकक-
(क) वे मााँ की नींद नहीं तोिना चाहते थे।
(ख) मााँ नहीं चाहती थीं कक वे चचड़ियों की देखभाल करें।
(ग) मााँ नहीं चाहती थीं कक वे बाहर धूप में घूमें।

प्रश्न 6: केशव और श्यामा ने चचड़िया और अंडों की देखभाल के ललए ककन तीन बातों का ध्यान रखा?

प्रश्न 7: काननयस पर अंडों को देखकर केशव और श्यामा के मन में जो कल्पनाएाँ आईं और उन्होंने चोरी-चुपके जो कुछ कायय ककए, क्या वे उचचत थे? तकय सदहत उत्तर ललखो।

प्रश्न 8: पाठ से मालूम करो कक मााँ को हाँसी क्यों आई? तुम्हारी समझ से मााँ को क्या करना चादहए था?

प्रश्न 9: मााँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों ननकल आए? मााँ के पूछने पर भी दोनों में से ककसी ने ककवाि खोलकर दोपहर में बाहर ननकलने का कारण क्यों नहीं बताया?

प्रश्न 10: प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। तुम इसे क्या शीर्यक देना चाहोगे?

प्रश्न 11: श्यामा मााँ से बोली मैंने आपकी बातचीत सुन ली है। ऊपर ददए उदाहरण में मैंने का प्रयोग ‘श्यामा’ के ललए और आपकी का प्रयोग ‘मााँ’ के ललए हो रहा है। जब सवयनाम का प्रयोग कहने वाले, सुनने वाले या ककसी तीसरे के ललए हो, तो उसे पुरुर्वाचक सवयनाम कहते हैं। नीचे ददए गए वाक्यों में तीनों प्रकार के पुरुर्वाचक सवयनामों के नीचे रेखा खींचो-
एक ददन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा कक एक लंबा आदमी लिखिाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बिे दयनीय स्वर में कहा,”मैं भूख से मरा जा रहा हूाँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?”

प्रश्न 12: तगिे बच्चे
मसालेदार सब्जी
बिा अंडा
इसमें रेखांककत शब्द क्रमशः बच्चे, सब्जी और अंडा की पवशेर्ता यानी गुण बता रहे हैं इसललए ऐसे पवशेर्णों को गुणवाचक पवशेर्ण कहते हैं। इसमें व्यजक्त या वस्तु के अच्छे-बुरे हर तरह के गुण आते हैं। तुम चार गुणवाचक पवशेर्ण ललखो और उनसे वाक्य बनाओ।

प्रश्न 13: नीचे कुछ प्रश्नवाचक वाक्य ददए गए हैं, उन्हें बबना प्रश्नवाचक वाक्य के रूप में बदलो-
अंडे ककतने बिे होंगे? ककस रंग के होंगे? ककतने होगें? क्या खाते होंगे? उनमें से बच्चे ककस तरह ननकल आएाँगे? बच्चों के पर कैसे ननकलेंगे? घोंसला कैसा है?

प्रश्न 14: (क) केशव ने झुाँझलाकर कहा…
(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला…
(ग) केशव घबराकर उठा…
(घ) केशव ने टोकरी को एक टहनी से दटकाकर कहा…
(ङ) श्यामा ने चगिचगिाकर कहा…
ऊपर ललखे वाक्यों में रेखांककत शब्दों को ध्यान से देखो। ये शब्द रीनतवाचक कक्रयापवशेर्ण का काम कर रहे हैं क्योंकक ये बताते हैं कक कहने, बोलने और उठने की कक्रया कैसे हुई। ‘कर’ वाले शब्दों के कक्रयापवशेर्ण होने की एक पहचान यह भी है कक ये अकसर कक्रया से ठीक पहले आते हैं। अब तुम भी इन पााँच कक्रयापवशेर्णों का वाक्यों में प्रयोग करो।

प्रश्न 15: नीचे प्रेमचंद की कहानी ‘सत्याग्रह’ का एक अंश ददया गया है। तुम इसे पढ़ोगे तो पाओगे कक पवराम चचह्नों के बबना यह अंश अधूरा-सा है। तुम आवश्यकता के अनुसार उचचत जगहों पर पवराम चचह्न लगाओ-
उसी समय एक खोमचेवाला जाता ददखाई ददया 11 बज चुके थे चारों तरफ़ सन्नाटा छा गया था पंड़डत जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कदहए क्या दूाँ भूख लग आई न अन्न-जल छोिना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं। मोटेराम! अबे क्या कहता है यहााँ क्या ककसी साधु से कम हैं? चाहें तो महीने पिे रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसललए बुलाया है कक ज़रा अपनी कुप्पी मुझे दे देखूाँ तो वहा क्या रेंग रहा है मुझे भय होता है

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